संगीतमय मानस प्रवचन का तीसरा दिन
वाराणसी 3 जून। अखिल भारतीय सनातन समिति द्वारा मां बागेश्वरी देवी के प्रांगण, जैतपुरा में चल रही श्री रामकथा के तीसरे दिन सायंकालीन सत्र में मानस वक्ता पंडित आशीष मिश्र काशी ने रामचरित मानस की चर्चा करते हुए कहा कि जिस घर में सत्संग होगा, वह परिवार इस घोर कलयुग में भी काफी सुखी एवं समृद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने पिता के वचनों का पालन करते हुए शारीरिक यातना के पश्चात भी लोकहित की रक्षा करने के लिए अपने वनवास के दौरान पूर्व भील एवं ऋषि मुनियों की रक्षा के लिए रास्ते में जो भी असुर मिलते गए उनका संहार करके धर्म की रक्षा की।
अंत में मुख्य वक्ता पूज्य संत बालक दास जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि माता पार्वती के घोर तपस्या के बाद भगवान भोले शंकर ने नारद जी के विशेष आग्रह पर सहरसा हर्ष में ही उनसे विवाह करने की अनुमति प्रदान की। तब राजा हिमांचल ने बड़े ही उत्साह से माता पार्वती की पाणिग्रहण संस्कार में काफी भक्ति पूर्ण ढंग से उसे संपन्न कराने हेतु तैयारी की।
तत्पश्चात प्रभु श्री राम के जन्म की जब बालक दास जी महाराज ने कथा सुनाई पूरा पंडाल का वातावरण भक्तिमय एवं जोश के के कारण राजा रामचंद्र की जय, जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी, का जयकारा लगाया। इससे वहां पूरे पंडाल में प्रभु का दर्शन करके भक्त निहाल हो उठे।
अंत में व्यासपीठ की आरती रविशंकर सिंह, किशोर सेठ, डॉ अजय जायसवाल, जयशंकर प्रसाद गुप्त, प्रमोद यादव मुन्ना, वतन कुशवाहा, विनीत कुमार, कैलाश जी, अनिल वर्मा, मदन यादव, भैयालाल जायसवाल, राजेश सेठ, रवि प्रकाश जायसवाल, ममता जायसवाल, अर्चना गुप्ता, डॉ पुष्पा जायसवाल, सुजीत कुमार, बिंदु लाल गुप्ता, असीम जायसवाल ने की।
भवदीय
राजेश सेठ
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