नान्दी सेवा न्यास के तत्वावधान में हिन्दी तथा संस्कृत भाषा के प्रसिद्ध कवि-कथाकार और चिन्तक, संस्कृत के आचार्य डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय के अमृत जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में कन्हैया लाल मोतीवाला स्मृति भवन, रथयात्रा, वाराणसी में ‘डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय स्मृति समारोह’ का आयोजन दिनांक 25 एवं 26 जून, 2022 को किया जा रहा है, जिसमें वाराणसी के अलावा देश-विदेश के अनेक सर्जक, चिंतक तथा विद्वान् पधार रहे हैं। दो दिनों के चार सत्रों में राजेन्द्र जी के जीवन और उनके हिन्दी तथा संस्कृत साहित्य पर विचार-विमर्श तो होगा ही, उनकी हाल ही में छपी दो कृतियों (साहित्य का आभा मण्डल और नदिया नाव संजोग) के साथ-साथ उन पर प्रकाशित स्मृति-ग्रन्थ ‘सर्जना शिखर: राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय का व्यक्तित्व और कृतित्व’ का लोकार्पण भी होगा। पराड़कर भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उक्त जानकारी नांदी सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ शशिकला पांडेय और दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ राजकुमार उपाध्याय ने दी है।
उन्होंने बताया कि राजेन्द्र जी के जन्मदिन पर प्रति वर्ष समारोह आयोजित किये जाने की योजना है। उनकी स्मृति में हिन्दी, संस्कृत तथा भारतीय भाषाओं से चुने हुए दो सर्जकों को प्रतिवर्ष सम्मानित किये जाने की भी योजना है।
उन्होंने जानकारी दी कि राजेन्द्र जी के अमृत जन्मोत्सव पर केन्द्रित दो दिन के चार सत्रों में होने वाले इस आयोजन के लिए देश-विदेश के अनेक सर्जक, चिंतक तथा विद्वान आमंत्रित किये गये हैं, जिनमें प्रमुख है- सर्वश्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ माननीय मंत्री आयुष्य एवं खाद्य सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार) उ0प्र0 सरकार, पùश्री अभिराज राजेन्द्र मिश्र, कमलेश दत्त त्रिपाठी, उषा किरण खान, नासिरा शर्मा, अच्युतानन्द मिश्र, विभूति नारायण राय, गायत्री प्रसाद पाण्डेय, गोपबन्धु मिश्र, करूणा शंकर उपाध्याय, बलराम, चितरंजन मिश्र, आनन्दवर्धन, के0एन0 तिवारी, शिवनारायण, राकेश शर्मा, अनन्त मिश्र, रहस बिहारी द्विवेदी, अरूणेश नीरन, दिलीप सिंह, सत्यदेव त्रिपाठी, अष्टभुजा शुक्ल, सुधाकर अदीब, बृजेन्द्र त्रिपाठी, श्यामशंकर उपाध्याय, श्री प्रकाश मिश्र, शुभदा पाण्डेय, देवेन्द्र शुक्ल तथा रतन कुमार सांभरिया आदि।
उन्होंने दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के केंद्र बिंदु डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय हैं, जो कुशल प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ ही भारतीय चिन्तन परम्परा, संस्कृत एवं हिन्दी साहित्य, भाषा, व्याकरण धर्म- अध्यात्म, लोक-साहित्य, साहित्य शास्त्र आदि के प्रकाण्ड विद्वान थे उन्होंने हिन्दी तथा संस्कृत भाषाओं में काव्य, कथा, ललित निबन्ध, संस्मरण, आलोचना, वैचारिक निबन्ध, उपन्यास आदि अनेक विधाओं में रचनाएं की हैं। उनका लेखन वेद, पुराण, धर्म, विज्ञान, आध्यात्म, भाषा विज्ञान आदि की दृष्टि से दिशा निर्देश और वैचारिकी को पुष्ट करने वाला है।
आगे इस प्रेस वार्ता में न्यास की अधक्ष एवं संयोजक ने बताया कि वर्तमान समय में जब कि जाति, धर्म, क्षेत्रीयता, भाषा आदि को लेकर चारों ओर युद्ध छिड़ा है। जीवन साथी का स्थान मोबाइल फोन ने ले रखा है, लोग -बाग अपनों से अधिक अपने फोन का ध्यान रखने लगे हैं। वर्चुअल संसार में जो आभासी तृप्ति उन्हें मिल रही है वह हमारे समाज और मानवता के लिए घातक है। ऐसे समय में पाण्डेय जी की रचनाएं हमारी युवा पीढ़ी और बच्चों को एक नई दृष्टि देने में सक्षम है।
संस्था द्वारा इस समारोह के आयोजन का उद्देश्य यही है कि लोग का धर्म, अध्यात्म, वेद, पुराण, भाषा, विज्ञान, प्रकृति, पर्यावरण और हमारी प्राचीन जीवन पद्धति के विषय में विचार करने और नई दृष्टि देने में सक्षम साहित्य की ओर रूख किया जा सके। अच्छे साहित्य की पहचान है कि वह पथ प्रदर्शन भी करता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी लाता है, समाज को नई दृष्टि और ऊर्जा से परिपूरित कर देता है, जिसकी हमारी पीढ़ी को परम आवश्यकता है।
डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय का समूचा साहित्य धर्म, साहित्य-रचना, समाज एवं भारतीय सांस्कृतिक चिंतन परंपरा का अन्यतम उदाहरण है जिसे हमारी युवा पीढ़ी तक पहुंचना बहुत आवश्यक है। मनीषी पाण्डेय जी की रचनाएं हमारी युवा पीढ़ी का पथ प्रदर्शन, उत्साहवर्धन, प्रज्ञावर्धन तथा रसास्वाद वर्धन करने वाली अमूल्य कृतियां हैं।
डॉ0 पाण्डेय जी के अथक परिश्रम से रची गई ये विद्वतापूर्ण एवं कलापूर्ण रचनाएं हमारे समाज में अलक्षित न होने पाएं इसके लिए नांदी सेवा न्यास कृत संकल्प है और इसी संकल्प को दृष्टिगत रखते हुए नान्दी सेवा न्यास के सदस्य उनकी कृतियों के प्रकाशन और प्रचार-प्रसार में संलग्न हैं।
इस वार्ता में नांदी सेवा न्यास की अध्यक्ष डॉक्टर शुक्ल पांडे
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉक्टर राजकुमार उपाध्याय मणि, काशी पत्रकार संघ के सचिव डॉक्टर अत्रि भारद्वाज, वरिष्ठ पत्रकार डॉ हिमांशु उपाध्याय, डॉक्टर कविंद्र नारायण, डॉ मुकेश शुक्ला, श्रीयशोरत्न और श्रीमती मालती गोस्वामी आदि अनेक वार्ताकार और पत्रकार उपस्थित थे ।
इसकी जानकारी संगोष्ठी के संयोजक डॉक्टर राजकुमार उपाध्याय मणि ने दी है।
आदरणीय संपादक / ब्यूरो चीफ
कृपया अपने प्रतिष्ठित समाचार पत्र एवं चैनल में सम्पन्न प्रेस वार्ता का समाचार प्रकाशित व प्रसारित करने का कष्ट करेंगे।
25 और 26 जुलाई, दिन- शनिवार, रविवार को होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आमंत्रण स्वीकार करेंगे। कृपया दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की रिपोर्टिंग और छायांकन के लिए अपने प्रतिष्ठित समाचार पत्र के रिपोर्टर और छायाकार (फोटोग्राफर) को भी भेजने का कष्ट करेंगे । आमंत्रण पत्र संलग्न कर सादर प्रेषित है।
साभार
डॉ.राजकुमार उपाध्याय मणि
संयोजक
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
अणुडाक :
rkumani@gmail.com
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