आईआईटी पटना के निदेशक एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व कुलपति प्रो.टी. एन.सिंह ने दिल्ली से वर्चुअल सम्बोधित करते हुये कहा कि पं.कमलापति त्रिपाठी बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व के राजनेता थे। वह मर्यादित लोकतांत्रिक राजनीति की मिसाल एवं आज राजनीति में टूटती मर्यादाओं के दौर में अनुकरणीय थे।
समारोह की अध्यक्षता करते हुये साहित्यकार श्री जितेन्द्र नाथ मिश्र ने कहा कि ऋषि पंचमी पर जन्मे त्रिपाठी जी एक ऋषितुल्य राजनेता थे। ऋषि पंचमी के दिन काशी में जन्मे भारतेन्दु हरिश्चन्द्र एवं कमलापति त्रिपाठी ने हिन्दी भाषा एवं साहित्य और काशी की संस्कृति का आदर्श प्रस्तुत किया।
पूर्व विधायक श्री राजेशपति त्रिपाठी ने कहा कि कुछ पीड़ा वश कांग्रेस से अलग जरूर हुआ, लेकिन कुछ पाने की स्वार्थसिद्धि में नहीं। कांग्रेस संस्कृति एवं गांधी मार्ग सहित पं.कमलापति त्रिपाठी की मूल्यगत वैचारिक राजनीति की विरासत के दायित्व से कभी दूर नहीं जा सकता।
पूर्व सांसद डा.राजेश मिश्र ने कहा कि काशी का सांसद या विधायक बनना आसान है, लेकिन कमलापति त्रिपाठी बनना कठिन, जिनसे स्वतंत्रता संघर्ष के समर्पण और राजनीति के साथ पत्रकारिता एवं साहित्य सर्जना की यशस्वी भूमिका, का लंबा इतिहास जुड़ा है।
पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री श्री अजय राय ने कहा कि जनाधारवादी राजनीति की मिसाल थे त्रिपाठी जी, जिनका व्यक्तित्व सार्वजनिक जीवन जीने वालों के लिये प्रेरणा का आदर्श है।
स्वागत सम्बोधन में संयोजक श्री सतीश चौबे ने कहा कि समारोह परम्परा, मूल्यों की राजनीति के संस्कार की प्रेरणा आधी सदी से देती रही है और इस रूप ही जारी रहेगी।
समारोह को जहां पत्रकार हिमांशु उपाध्याय एवं साहित्यसेवी इंदीवर पाण्डेय ने भी जहां सम्बोधित किया, वहीं संचालन प्रो.सतीश राय ने एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री विजय शंकर पाण्डेय ने किया।
समारोह में बनारस बार के अध्यक्ष एड.धीरेन्द्र नाथ मिश्र, दि सेंट्रल बार के अध्यक्ष व महामंत्री क्रमशः एड.मोहन यादव एवं एड.अश्विनी राय तथा अ.भा. व्यापार मंडल फेडरेशन के उपाध्यक्ष श्री प्रेम मिश्रा का सम्मान सहित अभिनन्दन किया गया। सम्मान एवं स्वागत श्री मनीष चौबे ने किया।
समारोह का आरंभ वैदिक स्वस्तिवाचन से हुआ। खजुरी में आयोजित समारोह में सर्वश्री राघवेन्द्र चौबे-शहर कांग्रेस अध्यक्ष, बैजनाथ सिंह, डा.एम.के गुप्ता, अशोक जायसवाल, भूपेन्द्र प्रताप सिंह, मनीष मरोलिया, ओ.पी. ओझा, कवीन्द्र नारायण, अनुज डीडवानिया जी, प्रमोद चौबे, दिलीप चौबे, डॉ जे पी मिश्रा, प्रदीप चौबे, आनंद मिश्रा, नागेश्वर सिंह, मयंक चौबे, रोहित दुबे, राहुल मेहता
आदि सहित बड़ी संख्या नगर और ग्रामीण क्षेत्रों से लोग उपस्थित थे।
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