पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन वाराणसी से संवाददाता अभिषेक दुबे की रिपोर्ट

पीएम गति शक्ति योजना से आधारभूत ढांचा होगा मजबूत

विशेषज्ञों ने कहा, आने वाले दिनों में भारत का दुनिया में बजेगा डंका

वाराणसी: 12 नवंबर 2022। अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका को और मजबूत करने के उद्देश्य से वाराणसी में 'पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन 2022' के  दूसरे दिन तकनीकी विशेषज्ञों ने कई अहम मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। विशेषज्ञों ने अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास तथा देश के व्यापक लाजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन में इसकी भागीदारी बढाने के ऊपर विस्तार से चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि पीएम गति शक्ति योजना से देश का आधारभूत ढांचा और मजबूत होगा। वहीं विशेषज्ञ इस बात से आश्वस्त दिखे कि योजना के क्रियान्वयन के बाद भारत का डंका दुनिया भर में बजेगा।
शनिवार को सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित अलग—अलग सत्रों में विशेषज्ञों ने अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन हेतु फेयरवे के विकास एवं प्रबंधन की विभिन्न चुनौतियों तथा उनके समााधान के बारे में अपने विशेष  दृष्टिकोणों से अवगत कराया। पहले दिन आयोजित सत्र की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए दूसरे दिन विशेषज्ञों ने पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की पेचीदगियों और डेटा और सूचना की विभिन्न परतों के बारे में विस्तार से बताया। सत्र में इस बात भी चर्चा की गई कि कैसे इंफ्रास्टक्चर को मजबूती प्रदान की जाए और इसका रोड मैप क्या हो।

इस अवसर पर बोलते हुए, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय बंदोपाध्याय ने कहा कि अंतर्देशीय जलमार्गों में भारत के भीतरी इलाकों के लिए जीवन रेखा बनने की क्षमता है। यह वैश्विक बाजार तक उनकी आसान पहुंच प्रदान करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।

सम्मेलन में मौजूद डॉ. नयन शर्मा, मुख्य सलाहकार, इनोवान्टे वाटर साल्यूशन्स एवं पूर्व प्रोफेसर, आई. आई. टी, रुड़की ने वाटरवेज के प्रबंधन के लिये अपने विस्तृत अनुभव के आाधार पर अभिनव तकनीकी समाधानों के बारे में बताया। प्रो. शर्मा के मुताबिक इन नवीन तकनीकी समाधानों की मदद से गंगा नदी में व्यापक सिल्टेशन की समस्या को दूर किया जा सकता है। श्री ओम प्रकाश शा, प्रोफेसर, आई. आई. टी, खड़गपुर ने पान्टून पुलों के त्वरित खोलने एवं बंद करने की प्रणाली के मशीनीकरण हेतु एक समाधान के ऊपर प्रस्तुति दी। इस समाधान के उपयोग से जहाज परिचालन में समय की बचत हो सकती है। उन्होनें इस प्रणाली के उपयोग एवं प्रबंधन हेतु उचित पशिक्षण की जरुरत पर भी जोर दिया। श्री हैरी. डी. लियर जो कि  पोत परिवहन के क्षेत्र के अंर्ताष्ट्रीय विशेषज्ञ हैं, ने अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास तथा देश के व्यापक लाजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन में इसकी भगीदारी बढाने के लिए सरकार की समर्थकारी नीतियों की महत्ता पर जोर दिया।

कैप्टन इन्द्रवीर सोलंकी ने जहाज संचालकों की विभिन्न समस्याओं तथा उनके समाधानों के उपर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होनें सरकार द्वारा जल परिवहन को बढावा देने हेतु प्रोत्साहन एवं आवश्यक सहायता की जरुरत पर भी बल दिया। श्री याको क्लीवेट, रॉयल आई.एच.सी ने अंतर्देशीय जलमार्ग में ड्रेजिंग हेतु विभिन्न प्रकार के ड्रेजर्स की उपलब्धता एवं इनके उपयोग के उपर विस्तृत प्रस्तुति दी।
बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकारें और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल थे। शिखर सम्मेलन के इस तकनीकी सत्र में विश्व बैंक और बांग्लादेश सरकार के अधिकारियों ने भी भाग लिया। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि, नेपाल और भूटान के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के तत्वावधान में आयोजित, यह 2 दिवसीय सम्मेलन पीएम गति शक्ति N.M.P, इसके घटकों और आर्थिक विकास के इंजन के रूप में उनके महत्व को उजागर करेगा। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय कपड़ा, वाणिज्य और उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन सत्र में भाग लिया।

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